नमस्कार आज हम आपके लिए दो प्रेरणादायक कहानियां लेकर आये है। जिसे पढ़कर आपको प्रेरणा जरूर मिलेगी। जो आपके जीवन को एक नया नजरिया दे सकती है।

1. Short Motivational Stories in Hindi with Moral
एक बार एक औरत थी। जो एक Teacher थी। और वो एक दिन अपने घर पर बैठकर अपने स्कूल के बच्चों के Exam Papers चैक कर रही थी। उस औरत के पति भी साथ में बैठे थे, और वो अपने मोबाइल फ़ोन में गेम खेल रहे थे।
पेपर चेक करते करते उस औरत के आँखों में आसूं आने लगे। उस औरत के पति ने उसकी तरफ देखा और पुछा "तुम क्यों रो रही हो?" उसके बाद उस औरत ने बताया की मैंने Exam में "MY WISH" "मेरी चाह" के विषय पर निबंध(Essay) लिखने को दिया था।
उस औरत के पति ने फ़ोन में देखते हुए बोला की "इसमें रोने वाली कोनसी बात है।"
उस औरत ने अपने आंसू पोछते हुए अपने पति से कहा "मैं तुम्हें पढ़कर सुनाती हु, एक बच्चे ने क्या लिखा हैं।"
मेरे माता पिता अपने मोबाइल फ़ोन से बहुत प्यार करते है। वो उस मोबाइल फ़ोन का इतना ध्यान रखते है की मेरी देखभाल करना भी भील जाते है। जब मेरे पापा शाम को नौकरी से घर आते है तो उस समय उनके पास मोबाइल फ़ोन के लिए समय होता है पर मेरे लिए नहीं!!
जब मेरे माता पिता काम में बहुत व्यस्त होते है, और उनका मोबाइल फ़ोन बजता है तो वो लोग उसका तुरंत जवाब देते है। पर मेरी बातों का जवाब नहीं!!
वे मोबाइल फ़ोन में गेम खेलते है पर मेरे साथ नहीं!!
जब वे फ़ोन पर किसी से बात कर रहे हो तो मेरी बात कभी नहीं सुनते, चाहें मेरी बात कितनी भी जरुरी हो!!
इसलिए मेरी "MY WISH (मेरी चाह)" हैं की मैं मोबाइल फ़ोन बनु!!
यह सब सुनकर उस औरत के पति की आँखों में आँसु आ गए।
उसके बाद उस औरत के पति ने पुछा "इस बच्चे का नाम क्या है?"
तब उस औरत ने अपने पति को बताया की "यह हमारी ही अपनी बेटी ने लिखा है।" तब उन्हें बहुत दुःख हुआ।
Moral of The Motivational Story
हमें सांसरिक वस्तुओं(फ़ोन, जमीन) के लिए अपने परिवार को नहीं खोना चाहिए। मोबाइल फ़ोन हमारे जीवन को एक सुविधा देने के लिए है, हमें गुलाम बनाने के लिए नहीं।
अभी भी देर नहीं हुई है, अपने परिवार के साथ समय बिताये। और वो समय याद कीजिये जब इंटरनेट और मोबाइल फ़ोन नहीं थे।
कुछ समय के लिए अपने फ़ोन को साइड में रखिये और अपने बच्चों, अपनी पत्नी, अपने माता पिता, एवं अपने दोस्तों के साथ समय बिताये और उनसे बातें करे।
अपने बच्चो और समाज की नजर में एक सकारात्मक उदाहरण बने नकारात्मक नहीं इसलिए प्यार दोगे तो प्यार मिलेगा।
2. Short Motivational Stories in Hindi with Moral
एक बार एक राजा था| उस राजा ने एक बहुत ही सुन्दर महल बनवाया था। और महल के के मुख्य द्व्रार पर एक गणित का सुत्र लिखवाया था। सुत्र लिखवाने के बाद राजा ने घोषणा की की इस सुत्र को हल करने से यह दरवाजा खुल जायेगा। और जो उस दरवाजे को खोलेगा उसे में अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दूंगा।
उसके बाद राज्य के बड़े से बड़े गणितज्ञ आये और सुत्र देखकर लौट गये। और किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। और फिर आख़री दिन आ चुका था। उस दिन 3 लोग आये और कहने लगे हम सूत्र को हल कर देंगे।
उसमें 2 दूसरे राज्य के बड़े गणितज्ञ थे। और साथ में बहुत पुरानी गणित के सूत्रों की क़िताब लेकर आये थे। लेकिन एक व्यक्ति जो साधक की तरह नज़र आ रहा था और अपने साथ कुछ भी नहीं था। उसनें कहा में यहां बैठा हु पहले इन्हें मौका दिया जाये।
दूसरे राज्य से आये दोनों गणितज्ञ गहराई से सूत्र हल करने में लग गए। लेकिन द्वार नहीं खोल पाए और हार मान ली। और अंत में साधक को बुलाया गया और कहां की आप सूत्र हल कीजिये समय शुरू हो चुका है।
साधक सहज़ मुस्कान के साथ द्वार की और गया! साधक ने धीरे से द्वार को धक्का दिया और द्वार खुल गया। राजा ने साधक से पुछा आप ने ऐसा क्यों किया?
साधक ने बताया की जब में ध्यान में बैठा तो सबसे पहले अंतर्मन से आवाज आई, की पहले ये तो जाँच करलें की सूत्र हैं भी या नहीं, इसके बाद इसे हल करने की सोचना और मैंने वही किया।
Moral of The Motivational Story
कई बार जिंदगी में कोई समस्या होती ही नहीं है और हम विचारों में उसे बड़ा बना लेते हैं। नजरिया ही है जो हमें दुसरो से अलग बनाता है। इसलिए जीवन में सकारात्मक सोच रखें।
जैसे जैसे समय गुजरता गया और एक समय ऐसा आया, जब वह हाथी बुढा दिखने लगा। अब वो पहले की तरह काम नही कर पाता था। इसी कारण अब राजा उस हाथी को युद्ध में नही भेजता था।
एक वो हाथी झील किनारे पानी पीने के लिए गया था। वही पास में कीचड़ था, और उस हाथी का पैर कीचड़ में धस गया। उस हाथी ने बहुत कोशिश की लेकिन वह खुद को उस कीचड़ से बाहर नही निकल पाया।
अब वह हाथी चिघाड़ने लगा, उस हाथी की आवाज सुनकर लोगो को पता चला की वह हाथी संकट में है। यह समाचार राजा तक पंहुचा। राजा समेत कई लोग उस हाथी के पास इक्कठा हो गए। और उस हाथी को निकालने के लिए कई प्रकार की कोशिश की, लेकिन उस हाथी को नही निकाल पाए।
तभी गोतम बुद्ध मार्गभ्रमण कर रहे थे। गोतम बुद्ध को देखकर राजा और उनका सारा मंत्रीमंडल गोतम बुद्ध के पास आकर खड़े हो गए। और गोतम बुद्ध से अनुरोध करने लगे की हमारी इस विकट परिस्थिति में हमारा मार्गदर्शन करे।
गोतम बुद्ध ने घटनास्थल का निरिक्षण किया और राजा को सुझाव दिया की झील के चारों और युद्ध के नगाड़े बजाये जाये। वहा पर खड़े लोगों को अजीब लगा की नगाड़े बजाने से हाथी बाहर कैसे निकलेगा।
जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने प्रारम्भ हुए, वैसे ही उस हाथी के हावभाव में परिवर्तन आने लगा। पहले तो हाथी धीरे धीरे करके खड़ा हुआ और खुद ही कीचड़ से बाहर आ गया। उसके बाद गोतम बुद्ध ने स्पष्ट किया की हाथी में शारीरिक बल की कमी नहीं थी, आवश्यकता मात्र उसके अन्दर उत्साह पैदा करने की थी।
सकारात्मक सोच ही हमें अपनी मंजिल तक ले जाती है।
3. Hindi Motivational Story With Moral
एक बार एक राजा था। उसके पास कई हाथी थे। लेकिन उन हाथियों में एक हाथी सबसे शक्तिशाली और ताकतवर था। वह आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध कोशल में निपुण था। उस हाथी को कई युद्ध में भेजा गया और वह हाथी जीतकर लोटता था। इसलिए वह हाथी उस राजा को बहुत प्रिय था।जैसे जैसे समय गुजरता गया और एक समय ऐसा आया, जब वह हाथी बुढा दिखने लगा। अब वो पहले की तरह काम नही कर पाता था। इसी कारण अब राजा उस हाथी को युद्ध में नही भेजता था।
एक वो हाथी झील किनारे पानी पीने के लिए गया था। वही पास में कीचड़ था, और उस हाथी का पैर कीचड़ में धस गया। उस हाथी ने बहुत कोशिश की लेकिन वह खुद को उस कीचड़ से बाहर नही निकल पाया।
अब वह हाथी चिघाड़ने लगा, उस हाथी की आवाज सुनकर लोगो को पता चला की वह हाथी संकट में है। यह समाचार राजा तक पंहुचा। राजा समेत कई लोग उस हाथी के पास इक्कठा हो गए। और उस हाथी को निकालने के लिए कई प्रकार की कोशिश की, लेकिन उस हाथी को नही निकाल पाए।
तभी गोतम बुद्ध मार्गभ्रमण कर रहे थे। गोतम बुद्ध को देखकर राजा और उनका सारा मंत्रीमंडल गोतम बुद्ध के पास आकर खड़े हो गए। और गोतम बुद्ध से अनुरोध करने लगे की हमारी इस विकट परिस्थिति में हमारा मार्गदर्शन करे।
गोतम बुद्ध ने घटनास्थल का निरिक्षण किया और राजा को सुझाव दिया की झील के चारों और युद्ध के नगाड़े बजाये जाये। वहा पर खड़े लोगों को अजीब लगा की नगाड़े बजाने से हाथी बाहर कैसे निकलेगा।
जैसे ही युद्ध के नगाड़े बजने प्रारम्भ हुए, वैसे ही उस हाथी के हावभाव में परिवर्तन आने लगा। पहले तो हाथी धीरे धीरे करके खड़ा हुआ और खुद ही कीचड़ से बाहर आ गया। उसके बाद गोतम बुद्ध ने स्पष्ट किया की हाथी में शारीरिक बल की कमी नहीं थी, आवश्यकता मात्र उसके अन्दर उत्साह पैदा करने की थी।
Moral of The Motivational Story
हमें जीवन में उत्साह बनाये रखने के लिए आवश्यक है की हम अपनी सोच सकारात्मक बनाये रखे, और निराशा को हावी ना होने दे। कभी कभी निरंतर मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति यह मान लेता है की अब वह पहले की तरह काम नही कर सकता है। लेकिन यह पूर्ण सत्य नही है।सकारात्मक सोच ही हमें अपनी मंजिल तक ले जाती है।
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