किसी भी कार्य को सफलता पूर्वक करने के लिए प्रेरणा(Inspiration) की आवश्यकता होती है।
यह प्रेरणा बड़े और सफल व्यक्तियों में इसका स्तर बहुत ऊंचा होता है। आपके जीवन में प्रेरणा का उद्देश्य एक विशेष दिशा होता है। हमारे जीवन में प्रेरणा की कमी के कारण हम अपने जीवन के उदेश्य को पुरा नहीं कर पातें है।
उतार चढ़ाव हमारे जीवन का एक अंग है। कभी-कभी हमारे जीवन में प्रेरणा की कमी होती है, जिसके कारण हम निराश हो जाते है या असहाय महसुस करते है। ऐसा इसलिए होता है की हमे असफलता का डर लगा रहता है, जिसके कारण हम काम को मन से नहीं कर पाते है।
हमें जीवन में सफ़लता को पाने के लिए असफ़लता से निपटना होगा और हमे सफलता या अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक सोच रखनी होगी। हमें खुद को ये विश्वास दिलाना होगा की “में यह कर सकता हु।” यदि हमें कोई काम करने का उद्देश्य या लक्ष्य नहीं पता होता है तो हम उस काम को रूचि के साथ नहीं कर पाते है।
असफलता हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। और हमें निराश करती है, तब हमें सरल कार्य भी कठिन लगने लगते हैं। ऐसे समय में हम अपने भीतर आत्मविश्वास(Self-confidence) और प्रेरणा को बढ़ावा देना चाहिये।
हमें अपने भीतर आत्मविश्वास और प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए हम प्रेरणादायक किताबें पढ़ सकते है, प्रेरणादायक भाषण सुन सकते है। और भी आप अपने अनुसार अन्य तरीकों से आत्मविश्वास और प्रेरणा ले सकते है, जो आपको सही लगे।
लेकिन जब आपके जीवन में अधिक समस्या होती है, तो हमें अधिक सकारात्मक सोच की आवश्यकता होती है। सकारात्मक सोचने के लिए किसी भी चीज का सकारात्मक पक्ष को देखना बहुत आवश्यक है। “जो समय बीत चुका है उसके बारे में सोचकर परेशान होना बेकार है।”
भविष्य के लिए सकारात्मक सोच की आदत को विकसित करने का प्रयास करे। यदि आप सकारात्मक सोचने की कोशिश नहीं करेंगे तो आप आधे अधूरे तरीके से असफ़लता की और जायेंगे।
अपनी सकारात्मक सोच को विकसित करने के लिए आत्मविश्वास, मेहनत, और अभ्यास का होना बहुत जरुरी है।कई लोग किसी कार्य को करने में बहुत अच्छे होने के बावजुद घबरा जाते है।
उस समय हम खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ नहीं कर सकते है। अगर आपको असफ़लता का डर है, तो आप लोग खुद की नहीं सुनते हो। आप लोगो की बात सुनते हो। ज़्यादातर लोग असफ़लता से ड़रते है। हमें हमारे डर को जानना होगा और उसे स्वीकार करना होगा।
यह प्रेरणा बड़े और सफल व्यक्तियों में इसका स्तर बहुत ऊंचा होता है। आपके जीवन में प्रेरणा का उद्देश्य एक विशेष दिशा होता है। हमारे जीवन में प्रेरणा की कमी के कारण हम अपने जीवन के उदेश्य को पुरा नहीं कर पातें है।

उतार चढ़ाव हमारे जीवन का एक अंग है। कभी-कभी हमारे जीवन में प्रेरणा की कमी होती है, जिसके कारण हम निराश हो जाते है या असहाय महसुस करते है। ऐसा इसलिए होता है की हमे असफलता का डर लगा रहता है, जिसके कारण हम काम को मन से नहीं कर पाते है।
हमें जीवन में सफ़लता को पाने के लिए असफ़लता से निपटना होगा और हमे सफलता या अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक सोच रखनी होगी। हमें खुद को ये विश्वास दिलाना होगा की “में यह कर सकता हु।” यदि हमें कोई काम करने का उद्देश्य या लक्ष्य नहीं पता होता है तो हम उस काम को रूचि के साथ नहीं कर पाते है।
असफलता हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। और हमें निराश करती है, तब हमें सरल कार्य भी कठिन लगने लगते हैं। ऐसे समय में हम अपने भीतर आत्मविश्वास(Self-confidence) और प्रेरणा को बढ़ावा देना चाहिये।
हमें अपने भीतर आत्मविश्वास और प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए हम प्रेरणादायक किताबें पढ़ सकते है, प्रेरणादायक भाषण सुन सकते है। और भी आप अपने अनुसार अन्य तरीकों से आत्मविश्वास और प्रेरणा ले सकते है, जो आपको सही लगे।
जीवन में सफल होने लिए सकारात्मक सोच का महत्व क्या है?
आपने अपने जीवन में कई लोगो से सुना होगा की हमें किसी चीज के प्रति सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। लेकिन यह इतना आसान नहीं होता है, और खासकर तब जब आप एक असफलता का सामना कर रहे होते हो।लेकिन जब आपके जीवन में अधिक समस्या होती है, तो हमें अधिक सकारात्मक सोच की आवश्यकता होती है। सकारात्मक सोचने के लिए किसी भी चीज का सकारात्मक पक्ष को देखना बहुत आवश्यक है। “जो समय बीत चुका है उसके बारे में सोचकर परेशान होना बेकार है।”
भविष्य के लिए सकारात्मक सोच की आदत को विकसित करने का प्रयास करे। यदि आप सकारात्मक सोचने की कोशिश नहीं करेंगे तो आप आधे अधूरे तरीके से असफ़लता की और जायेंगे।
अपनी सकारात्मक सोच को विकसित करने के लिए आत्मविश्वास, मेहनत, और अभ्यास का होना बहुत जरुरी है।कई लोग किसी कार्य को करने में बहुत अच्छे होने के बावजुद घबरा जाते है।
सफलता पाने के लिए डर का सामना करना क्यों जरुरी है?
डर भी जीवन में उपयोगी है, यह हमे किसी भी असफ़लता या ख़तरे से बचने के लिए सावधान करता है। लेकिन इस डर को हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए। अगर डर हमें काबू में लेता है तो हमारी इंद्रियां काम करना बंद कर देती हैं।उस समय हम खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ नहीं कर सकते है। अगर आपको असफ़लता का डर है, तो आप लोग खुद की नहीं सुनते हो। आप लोगो की बात सुनते हो। ज़्यादातर लोग असफ़लता से ड़रते है। हमें हमारे डर को जानना होगा और उसे स्वीकार करना होगा।
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